टालमटोल क्यों करते हैं हम? और इससे कैसे बाहर निकलें?
आपने कितनी बार सोचा होगा — “कल से शुरू करूंगा” या “थोड़ी देर बाद करता हूं”? लेकिन वो कल कभी आता नहीं और देर… और देर होती जाती है।
इस आदत को कहते हैं – टालमटोल (Procrastination)। यह ना सिर्फ आपके काम को रोकता है, बल्कि आपकी खुद की growth को भी पीछे खींचता है।
टालमटोल क्या है?

टालमटोल मतलब जरूरी काम को बार-बार अनावश्यक रूप से टालते रहना — चाहे हमें पता हो कि इसका नतीजा नुकसानदायक हो सकता है।
हम टालमटोल क्यों करते हैं? (5 मुख्य वजहें)

- परफेक्शनिज़्म: “सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए” सोचकर हम शुरुआत ही नहीं करते।
- डर: फेल होने या आलोचना का डर काम को रोकता है।
- फोकस की कमी: सोशल मीडिया और डिस्ट्रैक्शन से मन भटक जाता है।
- लो एनर्जी: थकान, नींद की कमी या शारीरिक कमजोरी भी वजह हो सकती है।
- काम में रूचि ना होना: जो काम boring लगे, उसे हम सबसे ज़्यादा टालते हैं।
कैसे निकलें टालमटोल की आदत से? (7 साइंटिफिक तरीके)
- 2-Minute Rule अपनाओ: अगर कोई काम 2 मिनट में हो सकता है, तो अभी कर डालो।
- काम को टुकड़ों में बाँटो: बड़े काम को छोटे-छोटे steps में करो।
- Time-Boxing करो: हर टास्क के लिए टाइम फिक्स करो — “9 से 9:30 पढ़ना”, जैसे।
- डिजिटल डिटॉक्स: काम के समय मोबाइल, सोशल मीडिया बंद रखो।
- स्मॉल विन्स सेलिब्रेट करो: हर छोटे लक्ष्य को पूरा करने पर खुद को शाबाशी दो।
- Accountability पार्टनर रखो: किसी दोस्त को बताओ कि तुम क्या कर रहे हो — ताकि तुम ज़िम्मेदार रहो।
- खुद से बात करो: रोज़ सुबह खुद से पूछो — “अगर आज मैंने यह नहीं किया, तो क्या होगा?”
निष्कर्ष
टालमटोल एक धीमा ज़हर है जो आपकी प्रगति को चुपचाप खा जाता है। लेकिन अगर आप अभी चेत गए, और हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके आगे बढ़े — तो आप इस आदत को मात दे सकते हैं।
आज का एक्शन: इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपना सबसे ज़रूरी काम उठाइए — और 5 मिनट उसे दीजिए। बस 5 मिनट!
ऐसे ही Self-Improvement वाली बातें पढ़ते रहिए SochoSamajho.com पर — जहाँ सोच भी बदलती है, और समझ भी।